Hardev vani shabad 2
Hardev vani shabad 2 सबका साक्षी सर्व आधारा तू निर्गुण निरंकार है। किस विधि कोई गाये तेरी महिमा अपरम्पार है। असीम है तू अनन्त है तू सबमें ही है व्यापक तू। कारण रूप जगत का तू है सृष्टि का संचालक तू। सच्चिदानंद विराट स्वरूपा पूरण से भी पूरण तू। अजन्मा है अविनाशी है ईश्वर नित्य सनातन तू। अडोल है तू अखण्ड है तू सत् स्वरूप परमेश्वर तू। अभेद है तू अछेद है तू नारायण जगदीश्वर तू। लोक तू ही परलोक तू ही है आर तू ही है पार तू ही। हे पुरुषोत्तम दो जहां की है सच्ची सरकार तू ही। तुझ में ही ये ध्यान टिका हो तुझ में ही मन लगा रहे। कहे ‘हरदेव’ स्वास है जब तक नाता तुझसे जुड़ा रहे।